सेज इंटरनेशनल स्कूल का नाम पूरे भारत में चमकेगा, हमारा लक्ष्य हर बच्चे को एक अच्छा इंसान बनाना: साक्षी अग्रवाल
भोपाल में सेज ग्रुप के सेज इंटरनेशनल स्कूल कामयाब भविष्य की नई कहानी लिख रहे हैं। राजधानी के अयोध्या नगर और दानिश कुंज स्थित कैंपस में होनहार बच्चों को 3- डी टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। ऐसा मध्यप्रदेश में पहली बार हो रहा है। सेज इंटरनेशनल स्कूल की इसी कामयाब जर्नी के बारे में स्कूल की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर साक्षी अग्रवाल ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत की।
Q 1. अब तक की SIS की जर्नी कैसी रही ? भोपाल में स्कूल एजुकेशन सेगमेंट में आपकी क्या लर्निंग रही ?
साक्षी अग्रवाल. भोपाल में सेज इंटरनेशनल स्कूल की अभी तक की जर्नी हमारी बहुत अच्छी रही है , कुछ ही सालों में स्कूल ने मध्यप्रदेश में एजुकेशन के क्षेत्र में पहला तथा पूरे भारत में सातवां स्थान प्राप्त कर लिया है । कोरोना काल में भी हमारा सफर रुका नहीं बल्कि कुछ नया करने की ठानते हुए हमने सारे स्कूलों को पीछे छोड़ दिया और हाल ही में एसोचैम तथा एग्जांपल अरी कंट्रीब्यूशन इन एजुकेशन रिकॉग्निशन के द्वारा सेज इंटरनेशनल स्कूल को एडवांस शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया है। इससे पहले भी हमारे स्कूल को एजुकेशन के क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित अवार्ड मिल चुके हैं।
Q 2. किसी बच्चे के होलस्टिक डेवलपमेंट के लिए SIS की अप्रोच कैसी है ? क्या ऐसी खास बातें हैं जिन पर आपके स्कूल की नींव रखी गई है ?
साक्षी अग्रवाल. हमारे यहां हर एक क्लास में सिर्फ 20 से 25 बच्चों का रेश्यो रखा जाता है। हर एक बच्चे को बहुत ही गहराई और गंभीरता से आब्जर्व किया जाता है अलग-अलग एक्टिविटी के जरिए बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को खोजने का प्रयास किया जाता है जैसे – नासा, आर्यभट्ट, व्हाइटहटजर से जुड़कर बच्चों के लिए एडवांस एजूकेशन सिस्टम को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता है । हायर क्लासेस के लिए हम एक एजुकेशन प्लान IEP के अंतर्गत काम कर रहे हैं । हमारे स्कूल के द्वारा बच्चों के फिजिकल , पर्सनल , सोशल, इमोशनल और स्प्रिचुअल वेल्विंग के विकास हेतु काम किया जाता है। बच्चों के लिए स्पोकन, रेमेडियल फ्रेंच लैंग्वेज क्लासेस लगाई जाती हैं और सबसे बड़ी बात एक्टिविटी के जरिए स्टेज पर जाकर परफॉर्मेंस के डर को हटाने का प्रयास किया जाता है।
Q 3. कोरोना की पाबंदियों और पेरेंट्स का डर स्कूल मैनेजमेंट के लिए कई चैलेंज लेकर आया है इनके मुकाबले के SIS क्या स्टेप ले रहा है ?
साक्षी अग्रवाल. कोरोना काल बड़ी समस्या बनकर हमारे सामने आया था और माता-पिता का डर भी स्वाभाविक है ..लेकिन इससे डरने की नहीं बल्कि साथ खड़े रहकर इसका सामना करने की है और” डर के आगे ही – sage है” कोरोना काल में सारी क्लासेस ऑनलाइन थी सोसाइटी और समय को देखते हुए हमने दोनों ही मोड में ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस लेने के लिए व्यवस्थाएं की हैं । आगे आने वाले समय के लिए भी हमारी तैयारी पूरी हो चुकी है । इसी के अंतर्गत हमने बच्चों के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव किया और मेंटल कैंप लगाए गए।
Q4. ऑनलाइन एजुकेशन तेजी से बढ़ रही है और कोरोना के बाद तो ये बड़ी जरूरत बन गई है। आप इस पूरे माहौल और इसमें SIS की भूमिका को कैसे देखती हैं?
साक्षी अग्रवाल. बिल्कुल ऑनलाइन एजुकेशन कोरोना काल में हमारी शिक्षा को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक उत्तम माध्यम बनकर सामने आया है । अपने स्कूल में शिक्षा को हम सुचारू रूप से चलाने के लिए हमने – 3D वीडियो, घर पर ही कई तरह की एक्टिविटी करवाई और कोरोना काल से पहले सभी टीचर्स टेक्नो फ्रेंडली नहीं थे तो हमने टीचर्स को ट्रेनिंग दी और अब हमारी टीचर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही क्लासेस लेने में पूर्णता सक्षम है। सर्टिफाइड काउंसलर हमारे स्कूल में उपस्थित हैं , इससे हमारा ध्येय यही है कि इस समय में हम बच्चों को पॉजिटिवली इंगेज रखें और उनके संपूर्ण विकास पर पूरा ध्यान दें।
Q 5. एक स्कूल देश के भविष्य के निर्माण के लिए सबसे खास जगह होती है। SIS के बच्चों में इस भावना का भरने के लिए क्या थॉट प्रोसेस है ?
साक्षी अग्रवाल. स्कूल और बच्चों का संबंध आत्मा और शरीर की तरह है । आत्मा निकल जाने पर शरीर चेतना विहीन हो जाता है उसी प्रकार स्कूल की जान भी बच्चे हैं स्कूल द्वारा दी जाने वाली शिक्षा में सर्वप्रथम दी जा रही शिक्षा मोरल वैल्यूज की है इसके अंतर्गत हम बच्चों के लिए क्लासेस, एक्टिविटी करवाते हैं और इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कि हम दिन की शुरुआत ही हमारी प्रातः वंदना से करते हैं ।
Q.6 भोपाल सेंट्रल इंडिया में रहने और पढ़ाई करने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है, आप यहां नई पॉसिबिलिटीज को कैसे देखती हैं ?
साक्षी अग्रवाल. हम अपने SIS स्कूल और सेज यूनिवर्सिटी इंदौर और भोपाल में अच्छे एजुकेशन के साथ-साथ नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर मौका देंगे एजुकेशन सेक्टर में 25 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं। चार लाख लोगों को सेज ग्रुप साथ में लेकर चल रहा है । भोपाल एक स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है सभी प्रकार की सुविधाओं का यहां प्रावधान रहेगा यहां नेशनल कंपनीज का रुझान बढ़ रहा है इसी कारण से भोपाल में एजुकेशन सेक्टर में हम कई बेस्ट प्लेटफॉर्म दे सकते हैं।
Q.7 आने वाले दिनों में SIS को लेकर आपके क्या सपने हैं ? बढ़ते कंपटीशन के बीच इन्हें कैसे पूरा करेंगे ?
साक्षी अग्रवाल. आने वाले समय में SIS का सितारा भोपाल में ही नहीं, मध्यप्रदेश में नहीं , बल्कि पूरे भारत में चमकेगा और इसकी चमक और धाक ग्लोबली भी फैलाने की पूरी कोशिश करेंगे, इसके लिए हमने बहुत सारे इंस्टीट्यूट्स के साथ एमओयू साइन किए हैं जिससे कि नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर बच्चों को एक्स्पोज़र मिलेगा । इंटरनेशनल लेवल के रिसोर्स पर्सन से सेमिनार ऑर्गेनाइज करते हैं , जिससे बच्चों को अपने कैरियर के बारे में आगे बढ़ने के लिए विकल्प मिलते हैं । सेपरेट काउंसलिंग टीम सेटअप की है जो बच्चों की साइकोलॉजी और करियर के लिए कारगर है यह बहुत सारी अलग-अलग संस्थाओं से जुड़े हैं और ऐसे ही हम आगे प्रयासरत रहेंगे जिससे बच्चों को इंटरनेशनल लेवल पर ले जा सके और उन्हें एक अच्छा इंसान बना सकें।