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“गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय”
कबीर दास जी का यह दोहा एक ऐसा जीवत उदाहरण है जो गुरु की महिमा एवं गरिमा को चरितार्थ करता है। हमारे जीवन में वैसे तो माता-पिता का स्थान कभी कोई नहीं ले सकता, क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन खूबसूरत दुनिया में लाते हैं। अतः यह कहा भी जाता है कि हर बच्चे के जीवन के सबसे पहले गुरु माता-पिता ही होते हैं। लेकिन जीने का असली तरीका हमें हमें शिक्षक ही सिखाते हैं स सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। तथा हमाडे जीवन को उँचाइयों पर ले जाने का श्रेय भी शिक्षकों को ही जाता है।
शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए 5 सितबर को मनाया जाता है।
हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली रधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। उनके अध्यापन पेशे के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण उनके जन्मदिन पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। राधाकृष्णन जी का शिक्षा में बहुत भरोसा था। वे राजनयिक शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी प्रसिध्द थे। उन में महान दार्शनिक एवं आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे। वे मानते थे कि गुरु का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है। उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है उन्हीं के द्वारा इस गौरान्वित पद को सम्मान देने के लिए समस्त देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। विद्यालय में तरह-तरह के कार्यक्रम उत्सव, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियाँ होती है। सास्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती है। गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में दर्ज है। शिक्षक उस माली के समान है जो एक बगीचे को अलग-अलग रूप रग के फूलों से सजाता है. जो छात्रों को काटों पर भी मुस्कुरा कर चलने के लिए प्रेरित करता है। परंतु आज के बदलते युग में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखे तो गुरु शिष्य की परपरा कहीं ना कहीं कलकित हो रही है। शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार हमारी सस्कृति की अमूल्य गुरु- शिष्य परपरा पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं। अत विद्यार्थि और शिक्षक दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परपरा को बेहतर ढंग से समझे और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।
सेज इंटरनेशनल स्कूल में शिक्षक दिवस मनाया गया। हमारे छात्रों ने हार्दिक प्रस्तुतियाँ, कविताएँ और भाषण देकर अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया जो उनके प्यार और सम्मान को दर्शाता है। यह उत्सव छात्रों और शिक्षकों के बीच खुशी, प्रशंसा और मजबूत बंधन से भरा था।हमारे सभी अद्भुत शिक्षकों का धन्यवाद, जो हर दिन हमारे छात्रों को मार्गदर्शन और प्रेरणा देते हैं।
Sushma Sharma